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The Random Scribbling

Random Scribbling
During my school and college days, whenever I felt puzzled or thoughtful, I used to randomly write things. It was like writing whatever came to my mind at that instance without giving any deep thought to what I am writing and without thinking about correctness of language or words. The purpose was always to clear out my mind, do introspections and get to know my-self.

After every such writing I have felt very calm and content and for me it worked even better than meditation.

The reason why such writings almost always helps is that our mind does not work in a linear fashion. In fact, it is as random as entropy can be. While on the other side the people around us expect us to be predictable, linear, and very balanced in our working. For people like me who try to fulfill such expectations this gets too puzzling and they need a way out to channelize this randomness out of their mind which otherwise results in creating a web around one's mind and choking it out.

As it happens, many people ask me how to tackle stress built over a long time. My suggestion to them has been to write randomly till the time they feel that there is no thought left in their mind and at the end of the writing they will feel relieved of the stress, at least temporarily, and then use this temporary calm period to relax the mind so that one can analyze things in better way later. Calm mind is always a better analyzer than a stressed one.

As life went on, I somewhere stopped using this art of knowing myself due to a variety of reasons and none of those reasons seems justified to me right now. So I am not listing down them here. In a way I stopped introspecting a lot which used to be one of my strongest skills and I think that this skill is most important one for any human being. I lately realized that it is high time I should start using this art of knowing myself and writing for myself without giving much thought to it. And I advise everyone else to do so too, specially those who are not good in expressing themselves.

So this was my Random Scribbling for today and the first one for this blog.

Comments

  1. it's good way to relax. With me it's happens spontaneously. Some time on important paper also ....
    then later I realize what I have done.

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  2. Jab random scribbling ho jaye, fir uska psychoanalytic analysis karna. Aur relaxation milega

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  3. ये मानसिक शांति का बहुत ही अच्छा व साधारण सा तरीका है और जरूर उपयोग करने की जरूरत है

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